मोती पहनने के फायदे
मानसिक शांति: मोती को मन को शांत करने और तनाव को कम करने वाला माना जाता है। यह धारक को मानसिक संतुलन प्रदान कर सकता है।
चंद्र ऊर्जा का संतुलन: ज्योतिष में, मोती चंद्रमा से जुड़ा हुआ है। इसे पहनने से चंद्र की ऊर्जा का संतुलन होता है, जो भावनात्मक स्थिरता में सहायक हो सकता है।
पाचन में सुधार: आयुर्वेद के अनुसार, मोती पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है।
त्वचा की चमक: मोती को त्वचा के लिए लाभदायक माना जाता है। इसे पहनने से त्वचा में निखार आ सकता है और यह चमकदार हो सकती है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: मोती पहनने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है, जो उसके व्यक्तित्व को निखारने में मदद कर सकता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार: मोती को अच्छी नींद लाने वाला माना जाता है। इसे पहनने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य: पारंपरिक चिकित्सा में, मोती को हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
होर्मोनल संतुलन: मोती को शरीर में होर्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक माना जाता है, विशेष रूप से महिलाओं में।
आँखों का स्वास्थ्य: कुछ मान्यताओं के अनुसार, मोती आँखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है और दृष्टि को मजबूत कर सकता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूतीकरण: मोती को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाला माना जाता है, जो बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, मोती को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाला माना जाता है।
बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि: कुछ विश्वासों के अनुसार, मोती बुद्धि और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
वाणी में मधुरता: मोती पहनने से व्यक्ति की वाणी में मधुरता आ सकती है, जो उसके संचार कौशल को बेहतर बना सकती है।
यात्रा में सुरक्षा: पारंपरिक रूप से, मोती को यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है।
आर्थिक समृद्धि: ज्योतिष में, मोती को धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है, जो व्यापार और करियर में सफलता की ओर ले जा सकता है।
मोती रत्न धारण विधि
मोती, जिसे पर्ल के नाम से भी जाना जाता है, चंद्र ग्रह से संबंधित रत्न है। यह मानसिक शांति, धैर्य, और संतुलन के लिए पहना जाता है। सही विधि से मोती रत्न धारण करने से इसके सकारात्मक प्रभाव अधिक होते हैं। आइए जानते हैं इसे धारण करने की सही विधि:
उपयुक्त समय:
मोती रत्न को धारण करने का सबसे शुभ दिन सोमवार माना जाता है, क्योंकि यह दिन चंद्रमा से संबंधित है। इसे सुबह के समय, विशेष रूप से चंद्रमा के उदय के समय धारण करना अत्यधिक शुभ होता है। पंचांग देखकर शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करना विशेष लाभकारी माना जाता है।
धारण करने वाली अंगुली:
मोती रत्न को चांदी की अंगूठी में बनवाकर छोटी अंगुली (कनिष्ठा) में धारण करना चाहिए। छोटी अंगुली चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इसे धारण करने से चंद्र से संबंधित लाभ प्राप्त होते हैं।
आपको जो मोती रत्न हमारे prachin gyan store से मिलने वह बिल्कुल शुद्ध और चंद्र मंत्रों से अभिमंत्रित है।
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